बेतुका विरोध

Pratahkal    16-Jan-2023
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Ganga Vilas Cruise
 
प्रधानमंत्री के ओर से विश्व के सबसे लंबे नदी क्रूज गंगा विलास (Ganga Vilas Cruise) का लोकार्पण किए जाने के साथ ही जिस तरह उसके विरोध में स्वर सुनाई दिए, उससे हैरानी होना स्वाभाविक है। विरोध का एक स्वर सुनाई दिया समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव (SP Chief Akhilesh Yadav) के ओर से। उनके ओर से कहा गया कि आखिर इस क्रूज से निषाद समुदाय (Nishad Samaj) को कैसे लाभ होगा यह एक बेतुका प्रश्न है, क्योंकि इससे उन्हें कोई हानि नहीं होने जा रही है। हां, लाभ अवश्य हो सकता है, क्योंकि अब कहीं अधिक संख्या में देसी-विदेशी पर्यटक वाराणसी (Varanasi) आएंगे। अखिलेश यादव के तर्क के हिसाब से तो नदियों पर पुल भी नहीं बनने चाहिए। उन्हें यह सामान्य जानकारी होनी चाहिए कि जहां भी बड़ी संख्या में पर्यटक पहुंचते हैं, वहां के लोग किसी न किसी रूप में लाभान्वित होते हैं। गंगा विलास क्रूज वाराणसी से लेकर असम के डिब्रूगढ़ तक चलेगा। यह बिहार, झारखंड के साथ बंगाल और बांग्लादेश से भी गुजरेगा। एक तरह से यह देश के पूर्वी क्षेत्र में पर्यटन (Tourism) को गति देगा। यह किसी से छिपा नहीं कि तमाम संभावनाओं के बाद भी यह क्षेत्र पर्यटन में पीछे है। जब सभी यह मान रहे हैं कि गंगा विलास क्रूज के माध्यम से पर्यटन को पंख लगेंगे, तब यह समझना कठिन है कि कुछ नेता उसके विरोध में बोलना आवश्यक क्यों समझ रहे हैं पता नहीं कैसे जदयू नेता ललन सिंह (JDU leader Lalan Singh) इस नतीजे पर पहुंच गए कि क्रूज योजना विकास विरोधी है। उन्होंने यहां तक कह दिया कि वह इस योजना का विरोध करेंगे। यह अच्छा हुआ कि जदयू के सहयोगी दल राजद (RJD) ने उसका समर्थन किया और तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) संबंधित कार्यक्रम में शामिल भी हुए। कोई नहीं जानता कि नीतीश कुमार ने ऐसा करना आवश्यक क्यों नहीं समझा ? उनकी तरह बंगाल और झारखंड के मुख्यमंत्री भी गंगा विलास के लोकार्पण के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम से दूर ही रहे। गंगा विलास क्रूज के विरोध में उठी आवाजें विरोध के लिए विरोध वाली संकीर्ण राजनीति का परिचायक हैं। दुर्भाग्यपूर्ण यह है कि ऐसी राजनीति इस तथ्य से परिचित होने के बाद भी की जा रही है कि गंगा विलास क्रूज देश के जिन करीब 40 शहरों से गुजरेगा, वहां पर्यटन को बल मिलेगा। ऐसा लगता है कि हमारे नेता यह जानने-समझने के लिए तैयार नहीं कि पर्यटन कितनी प्रबल संभावनाओं वाला क्षेत्र है। वह आय का साधन बनने के साथ ही रोजगार उपलब्ध कराने का भी काम करता है। इस दिशा में बहुत काम करने की आवश्यकता है, क्योंकि कई छोटे-छोटे दक्षिण पूर्वी एशियाई देश भारत की तुलना में कहीं अधिक पर्यटकों को आकर्षित करते हैं। गंगा विलास क्रूज ने किस तरह दुनिया भर के पर्यटकों (Tourist) का ध्यान खींचा है, यह इससे समझा जा सकता है कि अगले दो वर्ष के लिए उसकी अधिकांश टिकटें बुक हो चुकी हैं।